Tuesday, February 12, 2008

2.01 राजा के बेटा आउ मेहतर के बेटी

[ कहताहर - रामचन्द्र मिस्त्री, सोननगर (बारुन) ]

आज से बड़ी दिन बीत गेल, दिल्ली सहर में एगो भारी राजा रहऽ हलथी । राजा जी के बेटा बड़ी बढ़िया सुन्नर जवान हो गेलथिन हल । एक दिन ऊ सैर करे ला निकललन तो घूमते-घूमते बड़ी दूर के गाँव में चल गेलथिन । ऊ गाँव में का देखलन कि एगो मेहतर के बेटी अप्पन दुहारी पर खड़ा हे जेकरा से बिजुली के समान अंजोर फैले हेय । लड़की के देख के राजा के लइका तो ओहिजे बेहोस होके गिर गेलन । राजा के बेटा के ओइसन हालत देख के भीड़ लग गेल । जब राजा के बेटा के होस भेल तो कहे लगलन कि - "हमरा के कछुओ न भेल । हमहूँ परेम बान से होइली घायल । हमर पिंजरा के सुगना के लगलई कठोर बान । दइवा पर लगइली आस । ओही निकालिहँऽ बान । हमरा के ओही दरुआ पिलावऽ जेकरा कारन भेली हम घायल ।"


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