Tuesday, February 12, 2008

2.07 चतुर राजकुमारी

[ कहताहर - रामप्यारे सिंह, ग्राम - बेलखरा, पो॰ - करपी, जिला - गया ]

एगो राजा हलन । ओकरा एक्के गो बेटा हल । राजकुमार के सादी ला बड़ी मानी कुटुम आवऽ हलन बाकि राजकुमार कहलन कि जे हम्मर पाँच लाती रोज सहत ओकरे से हम सादी करम । ई सुन के सब कुटुम भाग जाथ । एक दिन एगो राजा राजकुमार के सादी ला पूछे ला आयल । राजकुमार अप्पन सर्त सुनौलन तो राजा सुन के अप्पन घरे लौट गेलन । घरे रानी पूछलन कि लइका ठीक होलवऽ कि न ? तब राजा उहाँ के सब हाल आउ लड़का के सर्त सुना देलन । बीचे में उनकर लड़की बोलल कि हम पाँच लाती खाय ला तैयार ही । ई करार पर शादी तय हो गेल । जब इहाँ महल में राजकुमार के रानी आयल तब रात में ऊ अप्पन महल में गेलन । पहिले एक लाती ऊ पलंग पर देलन तो ईयाद पड़ल कि पाँच लात मारली नऽ । तो रानी पूछ देलन कि काहे खड़ा हऽ । तब राजकुमार कहलन कि 'हमरा पाँच लात मारे के चाहइत हल ।' तो रानी कहलन कि 'कउन कमाई पर ? पहिले हमरा कमा के देखा दऽ तो फिर मारिहँऽ ।' एतना सुन के राजकुमार कमाय ला घर से निकल गेलन ।


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