[ कहताहर - श्यामदेव सिंह, ग्राम - दाउदनगर, चौरी (गया) ]
एक बड़ा भारी सहर में एगो राजा हलन । राजा के सात रानी हलन । बाकि सातो रानी में एक्को लड़का न हल । एक समय राजा जंगल में सिकार खेले गेल हलन, से ओही जंगल में एक दैत्य के सुन्दर लड़की जार-बेजार रो रहल हल । लड़की के पास राजा जाके पूछलन कि तू अकेले जंगल-झार में बइठ के काहे रोइत हे । से ई पर लड़की बोलल कि हमरा मरदाना एही जगह बइठा के कने तो चल गेलन । एही लागी हम बइठ के रोइत ही । एकरे पर राजा कहलन कि तू हमरा साथ चलवे ? तब लड़की राजी हो गेल । राजा ओकरा अप्पन घोड़ा पर बइठा के राजमहल में ले अयलन । राजा के पहचान में न आयल कि लड़की दैत्य के हे । ऊ बड़ी सुन्दर हल से ई से राजा ओकरा साथ काफी प्रेम रखे लगलन ।
एक बड़ा भारी सहर में एगो राजा हलन । राजा के सात रानी हलन । बाकि सातो रानी में एक्को लड़का न हल । एक समय राजा जंगल में सिकार खेले गेल हलन, से ओही जंगल में एक दैत्य के सुन्दर लड़की जार-बेजार रो रहल हल । लड़की के पास राजा जाके पूछलन कि तू अकेले जंगल-झार में बइठ के काहे रोइत हे । से ई पर लड़की बोलल कि हमरा मरदाना एही जगह बइठा के कने तो चल गेलन । एही लागी हम बइठ के रोइत ही । एकरे पर राजा कहलन कि तू हमरा साथ चलवे ? तब लड़की राजी हो गेल । राजा ओकरा अप्पन घोड़ा पर बइठा के राजमहल में ले अयलन । राजा के पहचान में न आयल कि लड़की दैत्य के हे । ऊ बड़ी सुन्दर हल से ई से राजा ओकरा साथ काफी प्रेम रखे लगलन ।
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