[ कहताहर - राजू, मो॰पो॰ - नवादा, जिला - नवादा ]
एगो गाँव में धनिक लाल नाम के एगो बनिया हलई । ओकरा चुन्नीलाल आउ मुन्नीलाल, दूगो बेटा हलई । बड़का बेटा चुन्नीलाल बाप के साथे बेपार में जायल करऽ हलई, जेकरा से ऊ चलाँक हो गेलई हल । ओकरा पास दूगो पइसा भी रहे आउ बढ़िया बस्तर भी । छोटका बेटा घरे पर धूर-जनावर चरावइत आउ खाइत-पीअइत रहऽ हलई, से ऊ लजकोर हो गेलई हल - सीधा आउ सपाट । बाप-माय भी ओकरा मूरुख समझऽ हलई । जब धनिकलाल बूढ़ा हो गेलई तो चुन्नीलाल से कहलकई कि "हमर हाथ-गोड़ कँपे लगलो, नैन जबाब दे देलको, अब तूँ ही बाहर जा के बेपार करऽ आउ नफा कमावऽ ।"
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