[ कहताहर - गंगाजली, उम्र 14 वर्ष, बेलखरा, जहानाबाद ]
एगो राजा हलन । ऊ बड़ी गरीब हलन । उनका एको बाल-बच्चा नऽ हले । उनखनी दू परानी हलन । सोचलन कि हमनी के बाल-बच्चा नऽ हे से एकर कुछ उपाय करे के चाहीं । उनखनी दूनों आपसे में बतिआइत हलन । एतने में उनकर गोतिनी आ गेलइन से पूछे लगलन कि तोहनी फुसुर-फुसुर का बतिआइत हँऽ । उनखनी दूनो कहलन कि हमनी के बाल-बच्चा नऽ हे, से ही दुख-सुख बतिआइत ही आउ का ?
एगो राजा हलन । ऊ बड़ी गरीब हलन । उनका एको बाल-बच्चा नऽ हले । उनखनी दू परानी हलन । सोचलन कि हमनी के बाल-बच्चा नऽ हे से एकर कुछ उपाय करे के चाहीं । उनखनी दूनों आपसे में बतिआइत हलन । एतने में उनकर गोतिनी आ गेलइन से पूछे लगलन कि तोहनी फुसुर-फुसुर का बतिआइत हँऽ । उनखनी दूनो कहलन कि हमनी के बाल-बच्चा नऽ हे, से ही दुख-सुख बतिआइत ही आउ का ?
********* Entry Incomplete **********
No comments:
Post a Comment