[ कहताहर - मनोरमा देवी, मो॰पो॰ - खटहन, जिला - औरंगाबाद ]
एक दिन एगो डोम गाँव में सुपली-मौनी लेके बेचे आयल । राजा के बेटी देख के कहलक कि हमरा खेले ला सुपली-मौनी ले दे । माय सुपली-मौनी ले देलक आउ बेटी ओकरा से खेले लगल । डोम राजा के बेटी के देख के लोभा गेल हल । से जब राजा के बेटी के बिआह होवे लगल तो डोम मँड़वा के ऊपरे बइठ गेल आउ सेनुरा दान होवे के पहिले ही लड़की के माँग पर सेनुर भुरभुरा देलक । लोग ओकरा पकड़े ला चाहलक बाकि ई कहइत ऊ भाग गेल कि "मोर बिआही हम्मर - मोर बिआही हम्मर ।"
एक दिन एगो डोम गाँव में सुपली-मौनी लेके बेचे आयल । राजा के बेटी देख के कहलक कि हमरा खेले ला सुपली-मौनी ले दे । माय सुपली-मौनी ले देलक आउ बेटी ओकरा से खेले लगल । डोम राजा के बेटी के देख के लोभा गेल हल । से जब राजा के बेटी के बिआह होवे लगल तो डोम मँड़वा के ऊपरे बइठ गेल आउ सेनुरा दान होवे के पहिले ही लड़की के माँग पर सेनुर भुरभुरा देलक । लोग ओकरा पकड़े ला चाहलक बाकि ई कहइत ऊ भाग गेल कि "मोर बिआही हम्मर - मोर बिआही हम्मर ।"
********* Entry Incomplete **********
No comments:
Post a Comment