[ कहताहर - जगदीश मेहरा, ग्राम - ईटवाँ, जिला - औरंगाबाद ]
एगो राजा के चार गो बेटा हलन । ओमें तीन गो के बिआह हो गेल हल बाकि छोटका के न भेल हल । से भउजाई लोग ताना मारऽ हलन कि तोरा तो फुलकुमारी से सादी होतवऽ । एक तुरी चारो भाई नोकरी करे निकललन । तीन भाई तो नोकरी करे लगलन आउ छोटका भाई फूलकुमारी के खोजे लगलन । रस्ता में उनका सोरह गो चोर मिलल । ओहनी के जेल में भेजल जाइत हल, से राजकुमार ओहनी के छोड़ देलन । राजकुमार चोर के साथे फूलकुमारी के खोजे चललन । जाइत-जाइत जंगल में एगो साधु मिललन जे छव महीना जागऽ हलन आउ छव महीना सूतऽ हलन । उनका जगे में एक दिन बाकी हल । राजा साधु के खूब सेवा कैलन तो ऊ फूलकुमारी के पता बता देलन । फूलकुमारी एगो दोसर जंगल में तीन सौ साठ दैत्य रखवाली में बक्सा में बंद रहऽ हलन ।
एगो राजा के चार गो बेटा हलन । ओमें तीन गो के बिआह हो गेल हल बाकि छोटका के न भेल हल । से भउजाई लोग ताना मारऽ हलन कि तोरा तो फुलकुमारी से सादी होतवऽ । एक तुरी चारो भाई नोकरी करे निकललन । तीन भाई तो नोकरी करे लगलन आउ छोटका भाई फूलकुमारी के खोजे लगलन । रस्ता में उनका सोरह गो चोर मिलल । ओहनी के जेल में भेजल जाइत हल, से राजकुमार ओहनी के छोड़ देलन । राजकुमार चोर के साथे फूलकुमारी के खोजे चललन । जाइत-जाइत जंगल में एगो साधु मिललन जे छव महीना जागऽ हलन आउ छव महीना सूतऽ हलन । उनका जगे में एक दिन बाकी हल । राजा साधु के खूब सेवा कैलन तो ऊ फूलकुमारी के पता बता देलन । फूलकुमारी एगो दोसर जंगल में तीन सौ साठ दैत्य रखवाली में बक्सा में बंद रहऽ हलन ।
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