[ कहताहर - यदु मेहता, ग्राम - बेलखरा, जिला - गया]
एगो साव जी हलन । उनका एगो बेटा हल । ओकर नाम जुगेन्दर हल । ओकर बाप बचपने में मर गेल तो माय पिसौना-कुटौना कर के ओकरा पाललन-पोसलन । जब जुगेन्दर सेआन हो गेलक तो माय से कहलक कि हमरा कुछ रुपेया दे, हम बेपार करम । माय एगो धनी अदमी से एक हजार रुपेया आन के बेटा के दे देलक । जुगेन्दर रोपेया ले के मेला पहुँचल । घूमते-घामते ऊ कुत्ता के बजार में पहुँचल आउ तीन सौ रोपेया में एगो बढ़िया कुत्ता खरीद लेलक । फिनो जुगेन्दर बिलाई के बजार में गेल आउ बिलाई के मेल-जोल करके ढाई सौ रोपेया में एगो बिलाई खरीद लेलक ।
एगो साव जी हलन । उनका एगो बेटा हल । ओकर नाम जुगेन्दर हल । ओकर बाप बचपने में मर गेल तो माय पिसौना-कुटौना कर के ओकरा पाललन-पोसलन । जब जुगेन्दर सेआन हो गेलक तो माय से कहलक कि हमरा कुछ रुपेया दे, हम बेपार करम । माय एगो धनी अदमी से एक हजार रुपेया आन के बेटा के दे देलक । जुगेन्दर रोपेया ले के मेला पहुँचल । घूमते-घामते ऊ कुत्ता के बजार में पहुँचल आउ तीन सौ रोपेया में एगो बढ़िया कुत्ता खरीद लेलक । फिनो जुगेन्दर बिलाई के बजार में गेल आउ बिलाई के मेल-जोल करके ढाई सौ रोपेया में एगो बिलाई खरीद लेलक ।
*********** Entry Incomplete ***********
No comments:
Post a Comment