Tuesday, March 25, 2008

8.01 राजकुमारी आउ गोरखिया

[ कहताहर - इन्द्रदेव नारायण, ग्राम - सेवती, पो॰ - मखदुमपुर, जिला - जहानाबाद]

एगो राजा हलन । उनका एके गो बेटी हल । ऊ बड़ी सुन्नर आउ दयालु हल । ओकरा हीं एगो गरीब अहीर के लइका नोकरी माँगे आयल तो राजा के बेटी ओकरा गाय-बैल के सान्हीं-पानी करे ला नोकर रख लेलक । ऊ गोरखिया बड़ी बढ़िया से सान्हीं-पानी करे आउ कभी-कभी राजकुमारी के भी काम-धाम कर देवे । गते-गते गोरखिया राजकुमारी के रूप से मोहा गेल बाकि राजा के बेटी से ऊ बात कइसे करे ? परेम के बात ओकरा कहे के हिम्मत नऽ हो हल । ऊ रोज सोच-सोच के मन के बात मने में रखले रहे । एक दिन ओकरा से नऽ रहायल तो ऊ बुझौनियाँ में अप्पन बात कह देलक -
ऊपर कोठ झरोखे बइठे, बिजुली माँग फड़कती ।
एतना दिन हम सेवा कइली, कहिनो नयन पलटती ?


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